इससे पहले दिन में, पीएम मोदी ने विपक्षी शासित राज्यों पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि कुछ राज्यों ने पिछले नवंबर में केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बावजूद डीजल और पेट्रोल पर वैट कम नहीं किया।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को विपक्षी नेताओं के उस समूह में शामिल हो गईं , जिसमें उन्होंने राज्य सरकारों से ईंधन की कीमतों पर वैट कम करने के लिए कहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी।
पीएम मोदी के साथ हुए बातचीत को “भ्रामक” और “एकतरफा” बताते हुए, सीएम ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा है कि उनकीी सरकार ने राज्य में डीजल और पेट्रोल की कीमतों में सब्सिडी के लिए पिछले तीन वर्षों में 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
इससे पहले दिन में, पीएम मोदी ने देश में उभरती कोविड स्थिति पर मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान, विपक्षी शासित राज्यों पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि कुछ राज्यों ने केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बावजूद भी डीजल और पेट्रोल पर वैट कम नहीं किया।
उन्होंने विपक्ष शासित राज्यों पर लोगों को इस कदम का लाभ हस्तांतरित नहीं कर उनके साथ “अन्याय” करने का भी आरोप लगाया।
पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों ने किसी न किसी वजह से केंद्र सरकार की बात नहीं मानी और जिसकी वजह से उन राज्यों के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा
पीएम मोदी की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र पर महाराष्ट्र का 26,500 करोड़ रुपये बकाया है। ठाकरे ने केंद्र सरकार के ऊपर महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया और कहा है कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अधिक वृद्धि के लिए जिम्मेदार नहीं है।