पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के कुर्सियांग में दुर्लभ काले तेंदुए की एक झलक देखने को मिली है। यह वीडियो भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी प्रवीण कासवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया। वीडियो में काले तेंदुए की सुंदरता और उसका स्वाभाविक व्यवहार दिखाया गया है।
IFS अधिकारी ने क्या कहा?
प्रवीण कासवान ने वीडियो के साथ लिखा, “उत्तर बंगाल का यह काला तेंदुआ। कुर्सियांग का बघीरा। क्या खूबसूरती है।” इस वीडियो में तेंदुए को बेहद करीब से फिल्माया गया है। उसे देखने पर वह थोड़ा उत्तेजित भी नजर आता है, जो इस दुर्लभ जानवर की सहज प्रवृत्ति को दर्शाता है।
भारत में काले तेंदुए: एक दुर्लभ नजारा
काला तेंदुआ तेंदुए (पैंथेरा पार्डस) का मेलेनिस्टिक रूप है, जो मेलेनिज़्म नामक आनुवंशिक स्थिति के कारण काले रंग का होता है। इस स्थिति के कारण उनके शरीर पर गहरे रंग की त्वचा और फर होते हैं, जो उन्हें और भी आकर्षक बनाते हैं।
भारत में कहां पाए जाते हैं काले तेंदुए?
काले तेंदुए मुख्य रूप से भारत के निम्नलिखित क्षेत्रों में पाए जाते हैं:
कर्नाटक: खासकर काबिनी वन में।
केरल: राज्य के घने जंगलों में।
मध्य प्रदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों में।
गोवा और पूर्वोत्तर: उष्णकटिबंधीय घने जंगलों में।
ये जानवर स्वभाव से एकाकी होते हैं और अक्सर जल्दी छिप जाते हैं, जिससे उन्हें देखना बहुत दुर्लभ हो जाता है।
क्यों खास है काला तेंदुआ?
काले तेंदुए का दिखना हमेशा प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव शोधकर्ताओं के लिए खास होता है। इनके गहरे रंग और जंगल में छिपने की क्षमता इन्हें अन्य तेंदुओं से अलग बनाती है। कुर्सियांग में इनका दिखना वहां की समृद्ध जैव विविधता का प्रमाण है।