मकर संक्रांति का त्योहार हर साल नई ऊर्जा और उल्लास लेकर आता है। साल 2025 की मकर संक्रांति बेहद खास है क्योंकि इस साल 19 साल बाद एक दुर्लभ योग बन रहा है। आइए सरल और स्पष्ट तरीके से इस पर्व की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में जानते हैं।
मकर संक्रांति 2025 कब है?
इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।
सूर्य का मकर राशि में प्रवेश: सुबह 9:03 बजे।
पुण्य काल: सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक।
स्नान और दान का महा पुण्य काल: सुबह 9:03 बजे से 10:48 बजे तक।
मकर संक्रांति का खास योग
2025 में मकर संक्रांति पर 19 साल बाद दुर्लभ भौम पुष्प योग बन रहा है।
भौम पुष्प योग का महत्व: यह योग मंगल ग्रह और पुष्य नक्षत्र के मिलन से बनता है। इसे ज्योतिष में बहुत शुभ माना गया है। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति का पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और खगोलीय दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
धार्मिक महत्व:
इस दिन सूर्य देव की पूजा होती है।
लोग पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करते हैं।
सांस्कृतिक महत्व:
नई फसल की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है।
तिल-गुड़ से बनी मिठाइयां खाई जाती हैं और पतंगें उड़ाई जाती हैं।
खगोलीय महत्व:
सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है।
इसके बाद दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं।
इस दिन क्या करें?
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
पवित्र नदियों में स्नान का महत्व है।
तिल, गुड़, अन्न और वस्त्र दान करें।
सूर्य देव को जल अर्पित करें और उनकी आराधना करें।