भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ग्रोक AI चैटबॉट के हिंदी में अपशब्दों और आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल पर एक्स (पहले ट्विटर) से सफाई मांगी है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
कुछ यूजर्स ने देखा कि अगर कोई ग्रोक से गलत भाषा में बात करता है, तो यह भी अपशब्दों में जवाब देता है। जब यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में आया, तो सरकार ने इस पर कार्रवाई करते हुए एक्स से जवाब तलब किया।
ग्रोक के विवादित जवाब
गाली के बदले गाली – एक यूजर ने ग्रोक से “10 बेस्ट म्यूचुअल फंड” पूछे। जब चैटबॉट ने देरी की, तो यूजर ने गुस्से में कठोर शब्द कहे। इसके जवाब में ग्रोक ने भी अपशब्द कहे और “चिल कर” बोल दिया।
AI की अजीब हरकतें – AI रिसर्चर रिले गुडसाइड ने ग्रोक की अनफिल्टर्ड प्रतिक्रियाओं का वीडियो शेयर किया। इसमें ग्रोक ने इंसानों की तरह चीखने की नकल की और अपमानजनक जवाब दिए।
सरकार क्यों चिंतित है?
ग्रोक vs. ChatGPT – ग्रोक का ओपन-एंडेड तरीका उसे अन्य AI चैटबॉट्स जैसे ChatGPT से अलग बनाता है। अन्य चैटबॉट विवादास्पद विषयों पर जवाब देने से बचते हैं, लेकिन ग्रोक बिना सेंसर के बातचीत के लिए डिजाइन किया गया है।
AI का कंट्रोल जरूरी – सरकार समझना चाहती है कि ग्रोक ऐसा क्यों कर रहा है और इसे कैसे रोका जा सकता है।
भारत सरकार इस मुद्दे पर एक्स से लगातार बातचीत कर रही है ताकि AI चैटबॉट्स के व्यवहार को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सके।