आंध्र प्रदेश के तिरूमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने हाल ही में अपने 18 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिनके बारे में आरोप है कि उन्होंने हिंदू परंपराओं का पालन नहीं किया। इस कदम के तहत इन कर्मचारियों को तिरूपति मंदिर और उससे जुड़े विभागों से हटा दिया जाएगा।
कर्मचारियों के लिए विकल्प और कार्रवाई
TTD बोर्ड ने इन कर्मचारियों को दो विकल्प दिए हैं: पहला, वे सरकारी विभागों में तबादला करा सकते हैं, और दूसरा, वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि ये विकल्प नहीं अपनाए गए तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भानु प्रकाश रेड्डी का समर्थन
भाजपा नेता और TTD बोर्ड के सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने इस कदम का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर, अगर कोई गैर-हिंदू कर्मचारी है, तो उसे भी बोर्ड से बाहर किया जा सकता है।
टीटीडी का नियम और पवित्रता की चिंता
1989 के बंदोबस्ती अधिनियम के तहत, TTD के कर्मचारियों को हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करना अनिवार्य है। बोर्ड ने तिरूमाला मंदिर की पवित्रता और भक्तों की भावनाओं को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। तिरूपति मंदिर में हाल ही में लड्डू विवाद के बाद इसकी पवित्रता को लेकर सख्ती बढ़ गई है।
लड्डू विवाद के बाद बढ़ी सख्ती
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के द्वारा गुजरात की एक प्रयोगशाला से रिपोर्ट मिलने के बाद, जिसमें दावा किया गया कि तिरूपति के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मांसाहारी तेल मिलाया गया था, विवाद गहरा गया। इसे लेकर राज्य की सियासत में बयानबाजी हुई और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।