प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर भारी भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई। इस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और मेला प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।
प्रशासन के कड़े फैसले
VVIP पास सेवा रद्द कर दी गई है।
मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है।
4 फरवरी तक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है।
3 फरवरी को बसंत पंचमी के शाही स्नान के दौरान भारी भीड़ की संभावना है, इसलिए सुरक्षा बढ़ाई गई है।
मेला क्षेत्र में क्या हैं नए प्रतिबंध?
मेला क्षेत्र में अब कोई भी वाहन प्रवेश नहीं कर सकेगा।
प्रयागराज के पड़ोसी जिलों (भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, जौनपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, मिर्जापुर और वाराणसी) से आने वाले वाहनों को सीमाओं पर ही रोक दिया जाएगा।
VVIP पास रद्द किए गए हैं, जिससे कोई भी विशेष पासधारी वाहन लेकर नहीं आ सकेगा।
एकल मार्ग व्यवस्था लागू की गई है।
महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की मौत
बुधवार तड़के 2 बजे संगम नोज पहुंचने की कोशिश में भगदड़ मच गई, जिससे 30 लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक घायल हो गए।
प्रशासन ने 12 घंटे बाद घटना की पुष्टि की।
सैकड़ों लोग अपने परिजनों से बिछड़ गए।
बैरियर तोड़ने के कारण भगदड़ हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा और मुआवजा घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे की न्यायिक जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति बनाई है।
समिति में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व महानिदेशक वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त IAS अधिकारी वीके सिंह शामिल हैं।
मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को प्रयागराज का दौरा करेंगे, उन्होंने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है।
भीड़ प्रबंधन के लिए वरिष्ठ अधिकारी तैनात
IAS अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को प्रयागराज भेजा गया है।
ये दोनों अर्धकुंभ 2019 के सफल आयोजन में भी शामिल थे।
कुंभ मेले में भीड़ नियंत्रण को प्रभावी बनाने के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है।