पद्म भूषण भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान है, जो देश की सेवा और महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। इस बार यह सम्मान फिल्म निर्देशक और अभिनेता शेखर कपूर को मिला है। 6 दिसंबर, 1945 को लाहौर (अब पाकिस्तान) में जन्मे शेखर कपूर ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आइए जानते हैं शेखर कपूर के जीवन और उनके करियर के बारे में।
शेखर कपूर का प्रारंभिक जीवन
शेखर कपूर का जन्म एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता एक डॉक्टर थे, और मां, प्रसिद्ध अभिनेता देवानंद की बहन थीं। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया। शेखर ने अपनी शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से की। बाद में, उन्होंने लंदन में चार्टेड अकाउंटेंट की पढ़ाई शुरू की। दिलचस्प बात यह है कि वह लड़कियों को इंप्रेस करने के लिए कैमरा खरीदने गए थे, लेकिन जल्द ही उन्होंने कैमरे से गहरा लगाव महसूस किया और यह उनका करियर बन गया।
अभिनेता से निर्देशक तक का सफर
शेखर कपूर का फिल्मी सफर शुरुआत में अभिनेता के रूप में शुरू हुआ था। उन्होंने 1974 में फिल्म ‘इश्क इश्क इश्क’ से अभिनय की शुरुआत की, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही। इसके बाद की फिल्में ‘जान हाजिर में’ (1975) और ‘टूटे खिलौने’ (1978) भी फ्लॉप हो गईं। हालांकि, शेखर ने हार नहीं मानी और 1983 में फिल्म ‘मासूम’ के निर्देशन के साथ अपनी किस्मत को बदल लिया। इस फिल्म के बाद उनकी सफलता का दौर शुरू हुआ।
निर्देशक के रूप में सफलता
शेखर कपूर का करियर तब और भी चमका जब उन्होंने 1987 में ‘मिस्टर इंडिया’ बनाई। यह फिल्म उनके लिए एक मील का पत्थर साबित हुई। इसके बाद, 1994 में फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ के साथ उन्होंने फूलन देवी की जिंदगी को पर्दे पर पेश किया, जो उनकी सबसे बेहतरीन फिल्मों में मानी जाती है।
1998 में उनकी फिल्म ‘एलिजाबेथ’ ने शानदार सफलता हासिल की और उन्हें ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। यह फिल्म उनके करियर में एक अहम मोड़ साबित हुई।
शेखर कपूर की निजी जिंदगी
शेखर कपूर की निजी जिंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव आए। उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल की भांजी मेधा गुजराल से शादी की, लेकिन यह शादी ज्यादा लंबी नहीं चली और 1994 में उनका तलाक हो गया। फिर, 1997 में उन्होंने अभिनेत्री सुचित्रा कृष्णमूर्ति से दूसरी शादी की, जो भी 2007 में टूट गई। शेखर और सुचित्रा की एक बेटी, कावेरी, हैं।
पुरस्कार और सम्मान
शेखर कपूर को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें ‘एलिजाबेथ’ के लिए BAFTA और गोल्डन ग्लोब पुरस्कार मिले। इसके अलावा, फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला।
अब, उनकी मेहनत और समर्पण के चलते उन्हें पद्म भूषण सम्मान प्राप्त हुआ है, जो उनके अद्वितीय योगदान का सम्मान है।