गाबा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद भारतीय क्रिकेट जगत से एक चौंकाने वाली खबर आई – दिग्गज स्पिन गेंदबाज रविचन्द्रन अश्विन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। यह फैसला सभी के लिए हैरान करने वाला था क्योंकि किसी ने सोचा भी नहीं था कि अश्विन अब टीम इंडिया के लिए नहीं खेलेंगे।
गाबा टेस्ट खत्म होते ही अश्विन ने तुरंत प्रभाव से संन्यास की घोषणा की। इस निर्णय में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने भी अपनी सहमति जताई। रोहित शर्मा ने बताया कि अश्विन ने पहले भी पर्थ टेस्ट में संन्यास पर विचार किया था।
अश्विन का करियर: रिकॉर्ड्स और उपलब्धियां
टेस्ट क्रिकेट में अश्विन की उपलब्धियां
2011 में दिल्ली टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करने के बाद अश्विन ने भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नाम कई रिकॉर्ड्स हैं:
537 विकेट – सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट में भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज
एक पारी में पांच विकेट 37 बार लेना
11 बार प्लेयर ऑफ द मैच – इस रिकॉर्ड में मुथैया मुरलीधरन के साथ बराबरी
बल्लेबाजी में भी अश्विन का कमाल
आर अश्विन न केवल एक शानदार गेंदबाज हैं, बल्कि एक बेहतरीन बल्लेबाज भी हैं।
106 टेस्ट मैचों में 3503 रन, जिसमें 6 शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं
वनडे और टी20 रिकॉर्ड
116 वनडे मैचों में 156 विकेट
65 टी20 मैचों में 72 विकेट
अश्विन के संन्यास की वजहें
रविचन्द्रन अश्विन का संन्यास लेना एक बहुत बड़ा फैसला था, लेकिन यह टीम इंडिया के अंदर से मिली सहमति का नतीजा भी था। कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में टीम के रणनीतिक प्लान्स के तहत अश्विन का यह फैसला हुआ। अश्विन ने मैदान में अपने अनुभव और विशेषज्ञता से टीम इंडिया को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई हैं।
भारतीय क्रिकेट में अश्विन का योगदान
रविचन्द्रन अश्विन केवल एक गेंदबाज नहीं हैं, बल्कि एक टीम प्लेयर और प्रेरणा भी हैं। उनके रिकॉर्ड्स और उपलब्धियां युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में एक नई दिशा दी और विदेशी मैदानों पर भी सफलता का परचम लहराया।