Bihar CHO Exam: पटना: राज्य स्वास्थ्य समिति (CHO) के 4500 पदों की बहाली के लिए 1 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड रवि भूषण को EOU (Economic Offences Unit) ने बुधवार रात को बख्तियारपुर में गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, उनके 5 सहयोगी और रिश्तेदारों को भी पकड़ लिया गया। यह परीक्षा 2 दिसंबर को रद्द कर दी गई थी, जब यह पता चला कि प्रश्नपत्र लीक हो चुका था।
Bihar CHO Exam: कैसे रची गई साजिश?
रवि भूषण और उनके साथियों ने इस पूरे लीक मामले की साजिश भागवत नगर स्थित उनके फ्लैट और दानापुर के एक ऑनलाइन सेंटर पर रची थी। फ्लैट में एक ‘सॉल्वर प्वाइंट’ बनाया गया था, जहां दर्जनों स्कॉलर बैठकर अभ्यर्थियों के कम्प्यूटर पर रिमोट एक्सेस कर सवालों के जवाब दे रहे थे।
पूरे मामले का खुलासा
EOU ने अब तक इस मामले में 36 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें उम्मीदवारों के अलावा, ऑनलाइन परीक्षा सेंटर के मालिक और IT टीम के सदस्य भी शामिल हैं। रवि भूषण के फ्लैट पर यह धोखाधड़ी पूरी तरह से प्लान की गई थी। 12 सेंटरों पर आयोजित परीक्षा के दौरान, यह पता चला कि कई सेंटरों पर प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल कर सिस्टम को रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा था।
छापेमारी और जांच
EOU ने परीक्षा के दौरान गड़बड़ी की सूचना मिलने के बाद पटना के 6 केंद्रों पर औचक निरीक्षण किया। इनमें दानापुर के वायर ऑनलाइन सेंटर और न्यू बाइपास के निताय इंफोटेक जैसे प्रमुख सेंटर शामिल थे। जांच में यह पाया गया कि यहां प्रॉक्सी सर्वर के माध्यम से परीक्षा के प्रश्नों के जवाब दिए जा रहे थे, जबकि अभ्यर्थी सिर्फ माउस चला रहे थे।
परीक्षा माफिया और जुड़े हुए लोग
यह घोटाला परीक्षा करा रही संस्था ‘वी शाइन’, परीक्षा माफिया और परीक्षा केंद्र के मालिकों के सहयोग से हुआ। EOU की कड़ी कार्रवाई के बाद, इस पेपर लीक मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।