बेमेतरा: छत्तीसगढ़ के साजा विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तब बढ़ गई, जब बीजेपी विधायक ईश्वर साहू के बेटे कृष्णा साहू पर आदिवासी युवक मनीष मंडावी के साथ मारपीट और जातिगत दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगे। ये घटना 13 अक्टूबर की रात चेचानमेटा गांव में दशहरा के सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान हुई। विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब मनीष के दोस्त राहुल और कृष्णा साहू के बीच तकरार हो गई। मामला तब बढ़ा जब मनीष ने बीच-बचाव की कोशिश की, और इस पर कृष्णा और उसके साथियों ने मनीष और राहुल दोनों पर हमला कर दिया।
मनीष ने आरोप लगाया कि कृष्णा साहू ने न केवल उसे जातिसूचक गालियाँ दीं, बल्कि हाथ के कड़े से उसकी पिटाई भी की। इस हमले में कृष्णा के साथ करीब दस और लोग भी शामिल थे। मनीष और राहुल दोनों को गंभीर चोटें आईं, और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
जब पीड़ित पक्ष ने साजा थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, तो पुलिस ने पहले रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया। आरोप है कि थानेदार ने विधायक के दबाव में आकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की और समझौते का सुझाव दिया। लेकिन आदिवासी समाज ने हार नहीं मानी और कलेक्टर व एसडीएम से न्याय की मांग की।
घटना को लेकर राजनीतिक माहौल भी गर्म हो गया। कांग्रेस ने इस घटना को लेकर बीजेपी पर तीखे आरोप लगाए, यह दावा करते हुए कि विधायक अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। वहीं, विधायक ईश्वर साहू ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया। उनका कहना है कि विरोधी उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गए हैं और इसलिए उनके बेटे को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
बहरहाल, बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने कृष्णा साहू के खिलाफ विभिन्न धाराओं और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है और क्या न्याय की प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ पाती है या नहीं।