राजनीति के गलियारों में हाल ही में एक खास हलचल देखने को मिली, जब भाजपा के कुछ दिग्गज नेता पूर्व राज्यपाल रमेश बैस के दरवाजे पर दस्तक देते नजर आए। मुलाकात का मकसद था – बैस से संगठन में फिर से सक्रिय होने का आग्रह। चर्चा के बाद सियासी अटकलों का बाजार गर्म है कि शायद पार्टी बैस को कोई अहम नई जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है। वैसे, खुद रमेश बैस भी कई बार इस बात को साफ कर चुके हैं कि वे पार्टी के सिपाही हैं, और जो भी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जाएगी, उसे बखूबी निभाने को तैयार हैं।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में रमेश बैस का कद काफी ऊंचा है। उम्र के 77वें पड़ाव पर होने के बावजूद, वे आज भी पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानित नेताओं में शुमार हैं। अब यह माना जा रहा है कि उन्हें भाजपा के ‘मार्गदर्शक मंडल’ का हिस्सा बनाया जा सकता है, जहां से वे पार्टी को अपने तजुर्बे से नया दृष्टिकोण देंगे।
बैस सिर्फ वरिष्ठ नेता नहीं, बल्कि ओबीसी समुदाय के भी एक मजबूत और प्रभावशाली चेहरा रहे हैं। विधानसभा चुनावों के दौरान उनकी सक्रिय वापसी को लेकर खूब चर्चाएं हुईं थीं। यह वही रमेश बैस हैं, जिन्हें कभी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना गया था। ऐसे में, अगर उनका नाम किसी बड़ी भूमिका के लिए उभरता है, तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी। पार्टी की धड़कनों में अब भी उनके लिए एक खास जगह है।