Ratan Tata Death News in Hindi: दुनिया ने एक ऐसा सितारा खो दिया, जिसकी रोशनी सिर्फ कारोबार तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि समाज के हर कोने तक फैली थी। रतन नवल टाटा, एक ऐसा नाम, जो न सिर्फ उद्योग जगत में ऊंचाइयों पर पहुंचा, बल्कि अपनी दानशीलता और समाजसेवा के कारण लाखों दिलों में जगह बनाई। 86 साल की उम्र में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली, लेकिन उनकी विरासत और योगदान को मिटा पाना असंभव है।
Ratan Tata ने ना सिर्फ टाटा ग्रुप को एक नई दिशा दी, बल्कि अपने नेतृत्व से इसे विश्वभर में पहचान दिलाई। उनके जीवन की कहानियां प्रेरणा से भरी हैं, लेकिन उन्हें कुछ शब्दों में समेटना शायद नामुमकिन है। वे एक सफल कारोबारी से बढ़कर थे—वह उम्मीद की किरण थे, जो लाखों लोगों को बेहतर कल का सपना देखने की ताकत देते थे।
उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें भारत के दो सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से नवाजा गया। ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले उद्योगपति के रूप में, उनकी विनम्रता और दूरदर्शिता ने उन्हें डिजिटल युग का भी एक प्रतीक बना दिया।
1937 में पारसी टाटा परिवार में जन्मे रतन टाटा की यात्रा प्रेरणादायक रही है। उनके पिता नवल टाटा और मां सूनी टाटा ने उन्हें ऊंचे मूल्य सिखाए, जिन्होंने उनके नेतृत्व में हमेशा झलक दिखाई। उन्होंने Cornell University से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन किया और फिर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट का कोर्स पूरा किया।
1962 में टाटा ग्रुप से अपने सफर की शुरुआत करते हुए, Ratan Tata ने जल्द ही अपने हुनर और कड़ी मेहनत से खुद को साबित किया। 1991 में उन्हें Tata Sons का चेयरमैन नियुक्त किया गया, और उन्होंने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। चाहे वह टाटा मोटर्स का प्रतिष्ठित ‘टाटा नैनो’ प्रोजेक्ट हो या ‘टाटा स्टील’ का वैश्विक अधिग्रहण, रतन टाटा ने हमेशा देश और समाज के हित को सर्वोपरि रखा।