महाराष्ट्र के पुणे में पीएम मोदी का मंदिर बनवाने वाले बीजेपी कार्यकर्ता मयूर मुंडे ने पार्टी से इस्तीफा देकर सियासी हलकों में खलबली मचा दी है। मुंडे, जो 2021 में तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का मंदिर बनवाया, अब पार्टी नेतृत्व से नाराज होकर अलग हो गए हैं। मुंडे का आरोप है कि भाजपा वफादार कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर, बाहरी नेताओं को तरजीह दे रही है।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मयूर मुंडे ने शिवाजीनगर से बीजेपी विधायक सिदार्थ शिरोले पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुंडे का कहना है कि विधायक अपने क्षेत्र में पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रहे हैं, जबकि नए शामिल हुए लोगों को अहमियत दी जा रही है।
मुंडे ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “मैंने सालों तक पार्टी की निष्ठा से सेवा की है, लेकिन अब पार्टी उन लोगों को आगे बढ़ा रही है जो अन्य दलों से आए हैं। पुरानों को न तो बैठकों में बुलाया जाता है और न ही उनकी राय ली जाती है।”
मुंडे ने यह भी दावा किया कि विधायक विकास निधि का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और क्षेत्र के विकास कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं। मुंडे का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी हो रही है, जिससे बीजेपी के लिए यह स्थिति और भी पेचीदा हो सकती है।
मुंडे ने अंत में यह भी साफ किया कि वह पीएम मोदी के प्रति अब भी वफादार हैं, लेकिन पार्टी में उनके जैसे कार्यकर्ताओं के लिए अब कोई जगह नहीं बची है।