शर्मा, भारत के सबसे लोकप्रिय शास्त्रीय संगीतकारों में से एक, अगले सप्ताह भोपाल में भी वे प्रदर्शन करने वाले थे। वह गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे।अंततः हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई।
पद्म विभूषण प्राप्तकर्ता, शर्मा जी का जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था और माना जाता है कि वे ऐसे पहले संगीतकार थे जिन्होंने जम्मू और कश्मीर के लोक वाद्ययंत्र संतूर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत बजाया था।
संगीतकार शिव-हरि की जोड़ी एक आधे हिस्से के रूप में, उन्होंने साथ मिलकर “सिलसिला”, “लम्हे” और “चांदनी” जैसी फिल्मों के लिए बांसुरी के दिग्गज पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ संगीत तैयार किया था।
उनको दिए गए भारतीय सम्मानों में 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्म श्री तथा 2001 में पद्म विभूषण भी शामिल हैं।
उनके परिवार में उनकी पत्नी मनोरमा और बेटे राहुल हैं, जो एक प्रसिद्ध संतूर वादक हैं और रोहित, एक बॉलीवुड कार्यकारी हैं।
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर ट्वीट किया: “पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारी सांस्कृतिक दुनिया गरीब है। उन्होंने संतूर को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा। मुझे उनके साथ अपनी बातचीत अच्छी तरह याद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। शांति।
“पं. शिव कुमार शर्माजी का निधन एक युग के अंत का प्रतीक है। वे संतूर के प्रख्यात प्रणेता थे और उनका योगदान अद्वितीय रहा है। मेरे लिए भी, यह एक व्यक्तिगत क्षति ही है और मैं उसे कभी नहीं छोड़ूंगा। उनकी आत्मा को शांति मिले। उनका संगीत हमेशा के लिए रहता है! ओउम शांति,” सरोद वादक अमजद अली खान जी ने ट्वीट किया।