रायपुर। छत्तीसगढ़ की आईएएस अधिकारी नम्रता गांधी को प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। वह इस पुरस्कार से नवाजी जाने वाली छत्तीसगढ़ की तीसरी आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले दंतेवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर ओपी चौधरी और आईएएस सौरभ कुमार को यह पुरस्कार मिल चुका है।
नम्रता गांधी को जल संरक्षण में उनके सक्रिय योगदान के लिए यह सम्मान मिल रहा है। जनवरी 2024 से धमतरी कलेक्टर के रूप में कार्यरत नम्रता गांधी ने भखारा नगर पंचायत में पेयजल की समस्या को सुलझाने के लिए गंगरेल नहर से सिलघट तक पानी पहुंचाने की योजना बनाई। इस योजना के तहत गंगरेल नहर के पानी को सिलघट एनीकट से होते हुए नगर पंचायत के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया गया, जिससे भखारा के लोगों को अब लगातार पीने का पानी मिल रहा है। इस कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
21 अप्रैल को मिलेगा प्रधानमंत्री से सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अप्रैल को सिविल सर्विस डे के अवसर पर नम्रता गांधी को प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
आईएएस नम्रता गांधी की यात्रा
नम्रता गांधी छत्तीसगढ़ कैडर की 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म 1 फरवरी 1989 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने मुंबई के गोपी बिड़ला स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और सेंट जेवियर्स कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय में दूसरे रैंक के साथ अपनी पढ़ाई खत्म की।
आईएएस बनने की राह
नम्रता गांधी ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और पहले प्रयास में 600 रैंक हासिल कर भारतीय पोस्टल सर्विस के लिए चुनी गईं। फिर, दूसरे प्रयास में उन्होंने 42 वीं रैंक लाकर आईएएस की परीक्षा पास की।
आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यकाल
नम्रता गांधी को छत्तीसगढ़ कैडर अलॉट हुआ और 2 सितंबर 2013 को उन्होंने आईएएस की सेवा शुरू की। उन्हें राजनांदगांव में सहायक कलेक्टर के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। इसके बाद, वे अविभाजित बिलासपुर जिले के गौरेला–पेंड्रा–मरवाही अनुविभाग की एसडीएम, कांकेर, सरगुजा और धमतरी जिला पंचायत की सीईओ रहीं। वर्तमान में वे धमतरी जिले की कलेक्टर हैं।