बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ में मितानिन संघ ने सरकार के खिलाफ अपनी दो मुख्य मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। बलौदाबाजार जिले में बड़ी संख्या में मितानिनों ने धरना प्रदर्शन किया। उनकी प्रमुख मांग है कि सभी मितानिन और उनसे जुड़े पदों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में संविलियन किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि वे अब SHRC और NGOs के साथ काम नहीं करेंगी।
क्या हैं मितानिनों की मांगें?
संविलियन: मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, ब्लॉक समन्वयक, स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक, एरिया कोऑर्डिनेटर और मितानिन हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर को NHM में शामिल किया जाए।
मानदेय में बढ़ोतरी: मितानिनों का कहना है कि पिछली सरकार ने उनके मानदेय में 50% बढ़ोतरी का वादा किया था, लेकिन अब तक यह वादा पूरा नहीं हुआ है।
21 साल का अनुभव, फिर भी उपेक्षा
मितानिनों ने बताया कि वे 21 साल से स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रही हैं। इतने लंबे अनुभव के बावजूद उन्हें बहुत कम प्रोत्साहन राशि मिलती है और संविलियन से वंचित रखा गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे काम बंद कर हड़ताल जारी रखेंगी।
सरकार से उम्मीदें
मितानिन संघ ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से अपील की है कि उनकी मांगों को जल्द पूरा किया जाए। उनका कहना है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो यह हड़ताल और बड़ा रूप ले सकती है।