राजनांदगांव: डोंगरगढ़ में पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले चिरौंजी (इलायची दाना) के प्रसाद का निर्माण अवैध रूप से चल रही एक फैक्ट्री में हो रहा था। यह फैक्ट्री ग्राम राका में मजहर खान द्वारा संचालित की जा रही थी, जिसमें एक मुर्गीखाना (पोल्ट्री फार्म) भी है। इस फैक्ट्री का संचालन बिना किसी लाइसेंस के हो रहा था।
प्रसाद के पैकेटों में न तो बैच नंबर था और न ही पैकेजिंग की तारीख। जब गुरुवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने फैक्ट्री से प्रसाद के नमूने लिए, तब इस अनियमितता का खुलासा हुआ। नमूनों को जांच के लिए रायपुर की प्रयोगशाला भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, प्रशासन ने फैक्ट्री को सील कर दिया है।
डोंगरगढ़ से 3 किलोमीटर दूर ग्राम राका में स्थित इस परिसर में मुर्गीखाना और प्रसाद बनाने की फैक्ट्री दोनों चल रहे थे। यहां से तैयार प्रसाद मंदिर के पास की दुकानों में बेचा जाता था, जो बाद में मंदिर में चढ़ाया जाता था। गुरुवार को प्रशासन की टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा और पाया कि यहां गंदगी भी फैली हुई थी। हालांकि, मुर्गीखाना और प्रसाद बनाने का काम अलग-अलग मजदूरों द्वारा किया जा रहा था।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को पूरी जांच के निर्देश दिए हैं और गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि यह प्रसाद बम्लेश्वरी ट्रस्ट को नहीं बेचा जाता, बल्कि दुकानदारों को दिया जाता था। फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी और चिरौंजी प्रसाद के नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।