आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरूपति वेंकटेश्वर मंदिर में मिलावटी लड्डू घी आपूर्ति मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी रिमांड रिपोर्ट दाखिल कर दी है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ब्लैकलिस्टेड कंपनी “भोले बाबा डेयरी” ने प्रॉक्सी कंपनियों के जरिए मिलावटी घी मंदिर को सप्लाई किया।
कैसे हुआ घोटाला?
रिपोर्ट के मुताबिक, भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी प्राइवेट लिमिटेड को 2022 में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद उसने वैष्णवी डेयरी और एआर डेयरी के जरिए घी की आपूर्ति जारी रखी। मंदिर प्रशासन (TTD) ने निरीक्षण के बाद पाया कि इसकी विनिर्माण प्रक्रिया मानकों पर खरी नहीं उतरती, जिसके चलते इसे निविदा से बाहर किया गया था।
कौन-कौन आरोपी?
SIT रिपोर्ट में चार आरोपियों के नाम सामने आए हैं:
पोमिल जैन (भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक)
बिपिन जैन (भोले बाबा डेयरी)
अपूर्व विनय कांत चावड़ा (वैष्णवी डेयरी के CEO)
राजू राजशेखरन (AR डेयरी के MD)
क्या है लड्डू घोटाले का विवाद?
आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने पिछली सरकार पर आरोप लगाया था कि तिरूपति मंदिर के प्रसादम लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाई गई। इस आरोप के बाद मामला विवादों में आ गया और CBI व अन्य एजेंसियों की टीम इसकी जांच कर रही है।
अब आगे क्या?
SIT ने अपनी रिपोर्ट स्थानीय कोर्ट में दाखिल कर दी है, और आगे की जांच जारी है। भक्तों की आस्था से जुड़े इस घोटाले पर सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।