क्या ही नजारा था, वाह...,भारत के चंद्रयान-3 मिशन पर पाक मीडिया की वाहवाही.. - News4u36

क्या ही नजारा था, वाह…,भारत के चंद्रयान-3 मिशन पर पाक मीडिया की वाहवाही..

Mkyadu
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pak media on chandrayaan 3 success

चांद के साउथ पोल पर Chandrayaan 3 की सफल लैंडिग करने में भारत कामयाब रहा,जिसके बाद से ISRO और भारत की खूब तारीफ हो रही है,इसी बीच अब पड़ोसी देश पाकिस्तान की मीडिया भी, भारत के चंद्रयान मिशन के तारीफ करते नही थक रहे हैं. इसी का एक वीडियो भी वायरल हो चुका है।

पिछली बार भारत का चंद्रयान मिशन2 सफल नहीं हो पाया था,लेकिन फिर भी सभी लोगो ने ISRO और भारत का हौसला अफजाई किया था,उसी का परिणाम है कि ISRO ने दुगुनी मेहनत और लगन से आखिरकार चांद फतह कर ही लिया।

अब जब सभी देश भारत को उनके चंद्रयान मिशन के सफल होने पर बधाइयां दे रहे हैं,तो पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ से भी आम जनता और पत्रकार लगातार भारत की तारीफ कर रहे हैं।

‘भारत चांद पर जा पहुंचा, हम लड़ाइयों में ही उलझे हैं’ 

पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल का वीडियो बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें स्टूडियो रूम में बैठे पत्रकार बता रहे थे कि- भारत आज चांद पर जा पहुंचा है,पूरी दुनिया भारत की तारीफ कर रही है. हम बीच मे अपनी लड़ाइयों में ही फंसे हुए हैं, मुश्किल समय में.हमें अपनी सोच का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता है.

तो वहीं दूसरा पत्रकार कहता है कि –  अपने बच्चे को ही हम अभी चांद- चांद कह रहे हैं.तब महिला पत्रकार इसपर कहती है- कोई बात नहीं हमारे बच्चे तो अच्छे ही हैं.

क्या ही नजारा था, वाह….

फिर दोनो न्यूज बताते हैं कि 23 अगस्त के दिन शाम 5.45( पाकिस्तानी समय अनुसार) को Chandrayaan 3 ने चांद पर सफल लैंडिग की. पत्रकार महिला पत्रकार से कहता है- वाह क्या नजारा था वह, जो हॉल था उसमे पूरे युवाओं की भीड़ थी, तब महिला पत्रकार कहती है- ये बात तो सही है,हमे बैठे- बैठे ही यहां काफी खुशी हो रही थी.

 देश दोनों एक जैसे है किंतु बड़ा फर्क’

एक पत्रकार कहता है की- दोनो की भाषा एक हैं , बालों और चेहरों का रंग हमारा एक जैसा है, किंतु फर्क बड़ा है,इसके जवाब में महिला पत्रकार कहती है- क्षेत्रीय तौर पर यदि देखें तो हमे बड़ी खुशी हुई,सामान्य तौर पर अक्सर सिर्फ पश्चिमी देशों से ही ऐसी उम्मीदें रखी जाती है, लेकिन भारत ने ये कर दिखाया.

अपनी ही कीच कीच से बाहर निकले तभी

महिला पत्रकार कहती हैं, यदि मुकाबले की बात है तो हमें इसी तरह की चीजों का मुकाबला करना चाहिए. हम यदि अपनी ही किच- किच से थोड़ा बाहर आ जाएं तो।

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